अमेरिका से भारत को जंगी ड्रोन मिलने का रास्ता साफ हो गया है। अमेरिकी कांग्रेस में 31 MQ-9B SkyGuardian drones भारत को देने पर डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी की ओर से कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई गई है। दो मार्च तक सांसदों को आपत्ति देनी थी। सूत्रों के अनुसार, अब कांग्रेस से अंतिम मुहर लगने के बाद कोई भी संवैधानिक बाधा नहीं रहेगी। पीएम मोदी को पिछले साल जून में अमेरिका यात्रा के दौरान इन ड्रोन की खरीद के समझौते पर सहमति बनी थी। ये सशस्त्र ड्रोन खुफिया जानकारी जुटाने, निगरानी और जमीन, वायु और समुद्री युद्ध में काम आएंगे। गोला-बारूद के साथ ड्रोन के पूरे पैकेज की भारत ने मांग की है, जिसकी अनुमानित लागत 22 हजार करोड़ रुपए होगी।
यह सौदा भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगा और हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक स्थिति को भी मजबूत करेगा।
ये 31 MQ-9B SkyGuardian drones, 161 एम्बेडेड ग्लोबल पोजिशनिंग और इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम से लैस होंगे। इसके अलावा 35 एलउ रियो ग्रांडे कम्युनिकेशंस इंटेलिजेंस सेंसर सूट, 170 एजीएम-114 आर हेलफायर मिसाइलें, 16 एम3659 हेलफायर कैप्टिव एयर ट्रेनिंग मिसाइल, 310 जीबीयू-39बी/बी लेजर छोटे व्यास के बम, और आठ जीबीयू-39बी/ बी एलएसडीबी गाइडेड टेस्ट वाहन लाइव फ्यूज से लैस होंगे
अमेरिका से मिलने वाले 31MQ-9B SkyGuardian drones आधुनिक युद्ध के लिए एक बहुउपयोगी उपकरण हैं। आइए इन ड्रॉन की कुछ खासियतों पर गौर करें:
लंबी दूरी की निगरानी: ये ड्रोन हवा में बहुत ऊंचाई तक उड़ सकते हैं और हजारों किलोमीटर दूर तक के क्षेत्रों की निगरानी कर सकते हैं।
सेंसर क्षमता: इन ड्रोन में उच्च तकनीक वाले कैमरे, रडार और अन्य सेंसर लगे होते हैं। ये सेंसर दिन-रात, हर मौसम में तस्वीरें लेने, वीडियो रिकॉर्ड करने और इलेक्ट्रॉनिक संकेतों को इंटरसेप्ट करने में सक्षम होते हैं।
लंबी अवधि की उड़ान: 31MQ-9B SkyGuardian drones बिना रुके 40 घंटे तक हवा में उड़ सकते हैं। इससे उन्हें लंबे समय तक गश्त लगाने और मिशन को पूरा करने की क्षमता मिलती है।
हथियार ले जाने की क्षमता: ये ड्रोन हवा से जमीन पर हमला करने के लिए मिसाइलों और बमों से लैस हो सकते हैं।
ऑटोमैटिक संचालन: 31MQ-9B SkyGuardian drones को रिमोट से या पहले से प्रोग्राम किए गए फ्लाइट प्लान के अनुसार उड़ाया जा सकता है।
ये विशेषताएं भारतीय सेना को समुद्री सीमाओं की निगरानी करने, जहाजों और विमानों को ट्रैक करने, युद्ध के समय दुश्मन की गतिविधियों पर जासूसी करने और जरूरत पड़ने पर हवाई हमले करने में मदद करेंगी।
ड्रोन का भारत की रक्षा क्षमताओं पर प्रभाव
अमेरिका से भारत को 31 MQ-9B SkyGuardian drones खरीदने का रास्ता साफ हो गया है। यह सौदा भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगा और हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक स्थिति को भी मजबूत करेगा।
ड्रोन का भारत की रक्षा क्षमताओं पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ेगा:
1. निगरानी क्षमताओं में वृद्धि: ड्रोन भारत को अपनी सीमाओं और समुद्री क्षेत्र की बेहतर निगरानी करने में मदद करेंगे। इससे भारत आतंकवाद और तस्करी जैसी गतिविधियों को रोकने में बेहतर होगा।
2. जंगी क्षमताओं में वृद्धि: ड्रोन भारत को जंगी अभियानों में अधिक सटीक और प्रभावी बना देंगे। ड्रोन दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने और खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
3. रणनीतिक स्थिति में वृद्धि: ड्रोन भारत को हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने में मदद करेंगे। ड्रोन भारत को इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाने और चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने में मदद करेंगे।
4. रक्षा अनुसंधान और विकास में वृद्धि: MQ-9B SkyGuardian drones के अधिग्रहण से भारत में रक्षा अनुसंधान और विकास को बढ़ावा मिलेगा। भारत अपने स्वयं के ड्रोन विकसित करने और निर्मित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सकता है।
ड्रोन का भारत की रक्षा क्षमताओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। MQ-9B SkyGuardian drones भारत को अपनी सीमाओं की रक्षा करने, जंगी अभियानों में अधिक प्रभावी होने और हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने में मदद करेंगे।
MQ-9B SkyGuardian drones का हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक स्थिति पर प्रभाव
MQ-9B SkyGuardian drones
MQ-9B SkyGuardian drones का भारत की रणनीतिक स्थिति पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ेगा:
1. समुद्री निगरानी:
ड्रोन भारत को हिंद महासागर क्षेत्र में बेहतर समुद्री निगरानी क्षमता प्रदान करेंगे। वे समुद्री डकैती, तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों पर नजर रखने में मदद करेंगे।
2. जंगी अभियान:
ड्रोन भारत को हिंद महासागर क्षेत्र में जंगी अभियान चलाने की बेहतर क्षमता प्रदान करेंगे। वे दुश्मन के जहाजों और ठिकानों पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
3. खुफिया जानकारी:
ड्रोन भारत को हिंद महासागर क्षेत्र में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने की बेहतर क्षमता प्रदान करेंगे। वे दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखने और उनकी योजनाओं को समझने में मदद करेंगे।
4. रणनीतिक स्थिति:
ड्रोन भारत की हिंद महासागर क्षेत्र में रणनीतिक स्थिति को मजबूत करेंगे। वे भारत को इस क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करने में मदद करेंगे।
ड्रोन के खरीदने के कुछ नकारात्मक पहलू भी हैं:
1. लागत:
ड्रोन खरीदने की लागत बहुत अधिक है। भारत को इस सौदे के लिए 3 अरब डॉलर (लगभग 22,000 करोड़ रुपये) का भुगतान करना होगा।
2. निर्भरता:
ड्रोन के लिए भारत अमेरिका पर निर्भर होगा। यदि अमेरिका भारत को ड्रोन के लिए स्पेयर पार्ट्स या तकनीकी सहायता प्रदान करने से इनकार करता है, तो यह भारत की रक्षा क्षमताओं को प्रभावित कर सकता है।
मेरिका से भारत को 31 जंगी ड्रोन(MQ-9B SkyGuardian drones) खरीदने के सौदे को लेकर विशेषज्ञों की राय मिली-जुली है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह सौदा भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगा और हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक स्थिति को भी मजबूत करेगा। वहीं, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह सौदा भारत के लिए महंगा है और इससे भारत की रक्षा पर निर्भरता बढ़ेगी।
यहां कुछ विशेषज्ञों की राय दी गई है:
रक्षा विश्लेषक रणजीत कुमार ने कहा, “यह सौदा भारत की रक्षा क्षमताओं के लिए एक महत्वपूर्ण बढ़ावा है। MQ-9B SkyGuardian drones समुद्री निगरानी, जंगी अभियान और खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं। ये ड्रोन भारत को हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने में मदद करेंगे।”
पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने कहा, “यह सौदा भारत के लिए महंगा है। भारत को इन ड्रोन को खरीदने के लिए 3 अरब डॉलर खर्च करने होंगे। यह पैसा भारत की अन्य रक्षा आवश्यकताओं पर खर्च किया जा सकता था।”
रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी ने कहा, “यह सौदा भारत की रक्षा पर निर्भरता बढ़ाएगा। भारत को इन ड्रोन के लिए अमेरिका पर निर्भर रहना होगा। यह भारत की रणनीतिक स्वायत्तता के लिए खतरा हो सकता है।”
अमेरिका से भारत को 31 जंगी ड्रोन खरीदने का सौदा भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगा या नहीं, यह समय ही बताएगा। इस सौदे के फायदे और नुकसान दोनों हैं। भारत को इस सौदे के सभी पहलुओं पर ध्यान से विचार करना चाहिए और फिर कोई निर्णय लेना चाहिए।
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